याद आएगी हर रोज़ मगर, तुझे आवाज़ ना दूँगा, लिखूँगा तेरे ही लिए हर ग़ज़ल, मगर तेरा नाम ना लूँगा..
heart touching gulzar ki shayari
तुझ से बिछड़ कर
कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे दिन भी गुजर गए
और मेरे दिन भी गुजर गए.
heart touching gulzar ki shayari
किसने रास्ते मे चांद रखा था,
मुझको ठोकर लगी कैसे
वक़्त पे पांव कब रखा हमने,
ज़िंदगी मुंह के बल गिरी कैसे,
आंख तो भर आयी थी पानी से,
तेरी तस्वीर जल गयी कैसे..
heart touching gulzar ki shayari
बेशूमार मोहब्बत होगी,
उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से,
यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे
इतना गिर जाता है..
heart touching gulzar ki shayari
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई,
जैसे एहसान उतारता है कोई,
आइना देख कर तसल्ली हुई,
हम को इस घर में जानता है कोई..
heart touching gulzar ki shayari
मैंने दबी आवाज़ में पूछा,
मुहब्बत करने लगी हो,
नज़रें झुका कर वो बोली..! बहुत.. बहुत..
heart touching gulzar ki shayari
एक बार तो यूँ होगा,
थोड़ा सा सुकून होगा,
ना दिल में कसक होगी,
ना सर में जूनून होगा..